सिनेमा एवं मनोरंजन >> फूल खिले चमन-चमन फूल खिले चमन-चमनचमन लाल चमन
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1979 में लंदन में चमन जी का पंजाबी गीत ‘सावन दा महीना’ गाकर ख़ूब दाद पाई, जो आज भी बहुत लोकप्रिय है...
चमन जी के साथ हमारी पहली मुलाकात 60 के दहाके में केन्या में हुई, जहां
आपने हमारे कंसर्ट के दूसरे दिन रेडियो के लिए चित्रा और मेरी आवाज़ में
चार ग़ज़लें रिकार्ड कीं। फिर कभी लंदन में कभी लैस्टर और कभी बैंगकॉक में
हमारे कंसर्ट की कम्पेरिंग बड़े दिलकश अंदाज में की। 1979 में लंदन में
चमन जी का पंजाबी गीत ‘सावन दा महीना’ गाकर ख़ूब दाद
पाई, जो आज भी बहुत लोकप्रिय है। इनके दो हिन्दी गीत भी रिकार्ड किये।
उनमें से एक गीत भारत ‘देश महान’ इस संग्रह में शामिल है...
जगजीत सिंह
चमन मेरा बड़ा पुराना दोस्त है। केन्या ब्रॉडकास्टिंग सर्विस पर इसके लिखे
हुए गीत ‘दीदार सिंह परेदसी’ बड़े मधुर स्वरों में
गाया करते थे। वर्षों बाद चमन से मिलने पर अब भी यह जिज्ञासा-सी रहती है
कि इधर इसने कौन-से गीत रचे होंगे।
जोगिन्द्र पाल
विदेश में चमन लाल चमन मेरे सबसे मनपसंद गीतकार हैं। मेरी लंदन यात्रा के
दौरान आपने मेरे लिये एक गीत लिखा जो फ़िल्म ‘वादा’
में शामिल किया गया : ‘ज़िन्दगी को संवार दे मौला।’
यदि मैं चमन जी को कुछ गुनगुना कर सुना दूं, तो पूरा गीत यूं लिख देते
हैं, जैसे कोई झरना फूट निकले...
कविता सेठ (सर्वश्रेष्ठ गायिका 2010)
चमन लाल चमन एक जाने-माने ब्रॉडकास्टर और गीतकार हैं जो तीन भाषाओं में
काव्य रचना करते हैं : पंजाबी, उर्दू और हिन्दी। 50 वर्षों से अधिक समय से
ब्रॉडकास्टिंग से जुड़े हुए हैं। वॉइस ऑफ केन्या से लेकर बीबीसी
रेडियो/टीवी, एलबीसी (गीतमाला) और अब पंजाब रेडियो से प्रसारण करते हैं।
लगभग बीस वर्ष तक यू. के. में आर्ट्स ऑफिसर रहे हैं। चमन के लिखे हुए गीत
जगजीत सिंह चित्रा सिंह, कुमार सानूं, कविता सेठ, दीदार सिंह परदेसी और
अनगिनत भगंडा ग्रुपों ने गाये हैं
गुरिन्द चड्ढा की फ़िल्म ब्राइड एंड प्रेजुडाइज़ में चमन का लिखा हुआ गीत और जगजीत सिंह का गाया हुआ ‘सावन दा महीना’ आज भी बड़ा लोकप्रिय है।
गुरिन्द चड्ढा की फ़िल्म ब्राइड एंड प्रेजुडाइज़ में चमन का लिखा हुआ गीत और जगजीत सिंह का गाया हुआ ‘सावन दा महीना’ आज भी बड़ा लोकप्रिय है।
कुलभूषन (लेखक/संपादक)
ज़िन्दगी को सवार दे मौला
ज़िन्दगी को सँवार दे मौला
हुस्न इसका निखार दे मौला
तेरे जलवों को देखने के लिए
मुझको आँखें हज़ार दे मौला
तेरी दुनिया को लग गयी है नज़र
इसका सदक़ा उतार दे मौला
सूनी आँखों को ओढ़ने के लिए
कोई कजले की धार दे मौला
इश्क़ के साथ दर्द की दौलत
ये अता1 बार-बार दे मौला
पतझड़ों के अंधेरे जंगल को
नूर के आबशार2 दे मौला
बर्क़3 गिरती है नित चिनारों पर
इनको बाद-ए-बहार दे मौला
न शजर4 है न आशियाँ5 जिनका
उन परिन्दों को प्यार दे मौला
कोई सूरत तो ये बहल जाए
दिल को सब्र-ओ-क़रार दे मौला
मेरी किश्ती का नाख़ुदा6 तू है
तू डुबो दे या तार दे मौला
बीत जाए न उम्र आँखों में
अब तो दीदार-ए-यार दे मौला
रह-ए-ग़ालिब पे चल रहे हैं ‘चमन’
मय7 की बोतल उधार दे मौला
हुस्न इसका निखार दे मौला
तेरे जलवों को देखने के लिए
मुझको आँखें हज़ार दे मौला
तेरी दुनिया को लग गयी है नज़र
इसका सदक़ा उतार दे मौला
सूनी आँखों को ओढ़ने के लिए
कोई कजले की धार दे मौला
इश्क़ के साथ दर्द की दौलत
ये अता1 बार-बार दे मौला
पतझड़ों के अंधेरे जंगल को
नूर के आबशार2 दे मौला
बर्क़3 गिरती है नित चिनारों पर
इनको बाद-ए-बहार दे मौला
न शजर4 है न आशियाँ5 जिनका
उन परिन्दों को प्यार दे मौला
कोई सूरत तो ये बहल जाए
दिल को सब्र-ओ-क़रार दे मौला
मेरी किश्ती का नाख़ुदा6 तू है
तू डुबो दे या तार दे मौला
बीत जाए न उम्र आँखों में
अब तो दीदार-ए-यार दे मौला
रह-ए-ग़ालिब पे चल रहे हैं ‘चमन’
मय7 की बोतल उधार दे मौला
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1. वरदान, 2. रोशनी के झरने 3. बिजली, 4. पेड़ 5. घोंघसा, 6. मल्लाह, 7. शराब
नोट : यह ग़ज़ल भारत की एक गायिका कविता सेठ के लिए उनकी लन्दन आमद पर लिखी गई थी; जो बाद में फ़िल्म ‘वादा’ में ली गई थी। इसका कांट्रेक्ट होने के बावजूद न जाने सीडी पर समीर साहब का नाम कैसे नाज़िल हो गया। इस साहित्यिक अंधेरगर्दी को सामने रखकर ये नोट लिखा गया है ताकि सबूत रहे।।
1. वरदान, 2. रोशनी के झरने 3. बिजली, 4. पेड़ 5. घोंघसा, 6. मल्लाह, 7. शराब
नोट : यह ग़ज़ल भारत की एक गायिका कविता सेठ के लिए उनकी लन्दन आमद पर लिखी गई थी; जो बाद में फ़िल्म ‘वादा’ में ली गई थी। इसका कांट्रेक्ट होने के बावजूद न जाने सीडी पर समीर साहब का नाम कैसे नाज़िल हो गया। इस साहित्यिक अंधेरगर्दी को सामने रखकर ये नोट लिखा गया है ताकि सबूत रहे।।
तपकर शुभ मन हो जायेगा
तपकर शुभ मन हो जायेगा
सोना कुन्दन हो जायेगा
तज दे नफ़रत छोड़ दे हिंसा
जीवन पावन हो जायेगा
बिखराओ न जुल्फ़ें वरना
माघ में सावन हो जायेगा
नीची नज़रों से न देखो
प्यार का कारण हो जायेगा
प्यार में आज़ादी है लाज़िम
वरना बन्धन हो जायेगा
तेरे मन में है जो सजनी
तेरा साजन हो जायेगा
इन्साँ साँपों के झुरमुट में
रहकर चन्दन हो जायेगा
‘चमन’ हमें गर छोड़ोगे तुम
सूना लन्दन हो जायेगा
सोना कुन्दन हो जायेगा
तज दे नफ़रत छोड़ दे हिंसा
जीवन पावन हो जायेगा
बिखराओ न जुल्फ़ें वरना
माघ में सावन हो जायेगा
नीची नज़रों से न देखो
प्यार का कारण हो जायेगा
प्यार में आज़ादी है लाज़िम
वरना बन्धन हो जायेगा
तेरे मन में है जो सजनी
तेरा साजन हो जायेगा
इन्साँ साँपों के झुरमुट में
रहकर चन्दन हो जायेगा
‘चमन’ हमें गर छोड़ोगे तुम
सूना लन्दन हो जायेगा
आपका साथ हसीं रात
आपका साथ हसीं रात अजी क्या कहिए
वो पहली-पहली मुलाक़ात अजी क्या कहिए
लफ़्ज़ तो बात का मफ़हूम1 बदल देते हैं
किससे दिल की कहें बात अजी क्या कहिए
उनके आने से फ़ज़ाओं में महक फैल गयी
हो गई आज करामात अजी क्या कहिए
उनके होंठों के तबस्सुम2 को चलो यूँ कह लें
ओस में भीगे हुए पात अजी क्या कहिए
कोई मुतरिब3 न कोई साज़ न आवाज़ कोई
दिल ने छेड़े हैं नग़्मात अजी क्या कहिए
आज शब4 झील में है चाँद नहाने आया
साथ है तारों की बारात अजी क्या कहिए
हम न बोले न उन्होंने ही लब खोले ‘चमन’
आँखों-आँखों में हुई बात अजी क्या कहिए
वो पहली-पहली मुलाक़ात अजी क्या कहिए
लफ़्ज़ तो बात का मफ़हूम1 बदल देते हैं
किससे दिल की कहें बात अजी क्या कहिए
उनके आने से फ़ज़ाओं में महक फैल गयी
हो गई आज करामात अजी क्या कहिए
उनके होंठों के तबस्सुम2 को चलो यूँ कह लें
ओस में भीगे हुए पात अजी क्या कहिए
कोई मुतरिब3 न कोई साज़ न आवाज़ कोई
दिल ने छेड़े हैं नग़्मात अजी क्या कहिए
आज शब4 झील में है चाँद नहाने आया
साथ है तारों की बारात अजी क्या कहिए
हम न बोले न उन्होंने ही लब खोले ‘चमन’
आँखों-आँखों में हुई बात अजी क्या कहिए
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1. मतलब, 2. मुस्कुराहट, 3. गायक, 4. रात
1. मतलब, 2. मुस्कुराहट, 3. गायक, 4. रात
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